♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />~~~~~~~~~~~~~<br /><br />वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 21.9.19, अहमदाबाद, गुजरात , भारत<br /><br />प्रसंग: <br />~ असली ध्यान माने क्या?<br />~ अमृतबिन्दु उपनिषद में कितने प्रकार के ध्यान की बात करी गयी है?<br />~ साधक के लिए विज्ञान और मनोविज्ञान क्यों ज़रूरी हैं?<br />~ श्रुति किन दो यथार्थ पर केंद्रित होने को कहती है?<br />~ शब्द ब्रह्म और परब्रह्म में क्या अंतर है?<br />~ ॐ किस चीज़ का प्रतीक है?<br /><br /><br />द्वे विद्ये वेदितव्ये तु शब्दब्रह्म परं च यत्।<br />शब्दब्रह्मणि निष्णातः परं ब्रह्माधिगच्छति।। <br /><br />शब्दार्थः <br />दो विद्याएँ जानने योग्य हैं, <br />प्रथम विद्या को 'शब्द ब्रह्म' और दूसरी विद्या को 'परब्रह्म' के नाम से जाना जाता है। <br />'शब्द ब्रह्म' अर्थात् वेद-शास्त्रों के ज्ञान में निष्णात होने पर <br />विद्धान् मनुष्य परब्रह्म को जानने की सामर्थ्य प्राप्त कर लेता है॥ <br />~ अमृतबिन्दु उपनिषद् (श्लोक 17)<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~~~~~~~~~